सिन्धु सभ्यता

सिन्धु  घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता 





सिन्धु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता  के अवशेष मुख्यत सिन्धू  नदी की घाटी  के विस्तरित  भू -भाग पर टीलो के रूप में  प्राप्त हुए है . जो आज पाकिस्तान का भाग है . 1921 से  पहले आर्यों की वेदिक सभ्यता को सबसे प्राचीनतम सभ्यता माना जाता था ,किन्तु सिन्धु सभ्यता की खोज के बाद इस अवधारणा को असत्य प्रमाणित कर दिया गया . 
                   1921 में सर्व प्रथम रायबहादुर सहानी  ने हडप्पा  नामक स्थान पर इस महत्व पूर्ण सभ्यता का पता लगाया .
एक वर्ष उपरांत 1922 ई .  में  रखालदास बनर्जी  ने  हड़प्पा से  640  किलोमीटर दूर  मोहनजोदड़ो  में उत्खनन के द्वारा एक भव्य नगर के अवशेष प्राप्त किये .
मोहन जोदड़ो  का शाब्दिक अर्थ  मृतको  का टीला  है .

 अब जबकि इस सभ्यता के अवशेष  गंगा यमुना के दोआब  और  नर्मदा ताप्ती के  मुहाने तक  प्राप्त हुए है तो  अब इस सभ्यता का नाम सिन्धु सभ्यता उचित  प्रतीत नहीं होता है .

पुरातत्व विज्ञानिको ने इस सभ्यता का  नाम सिन्धु सभ्यता इसलिए रखा क्योकि यह सर्व प्रथम सिन्धु नदी के  तट पर खोजा गया था . इसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है .
  



सिन्धु सभ्यता का विस्तार बहुत विस्तृत था इसका विस्तार हड़प्पा और मोहन जोदारो  तक ही नहीं बल्कि  इसका विस्तार  मैसापोटिया (प्राचीन) मिश्र एवं  फारस की सभ्यता के क्षेत्र से बहुत अधिक विस्तृत  था .

उधतन खोजो से  सिन्धु सभ्यता के अवशेष  निम्न स्थानों से प्राप्त होते है  जिनसे इसके विस्तार के बारे में पता चलता  है .
     @ बलूचिस्तान  -  यहाँ  के  सुत्कगेनडोर , सोत्काकोह  एवं  डाबर कोट से प्राप्त होते है .
     @ सिंध  - यहाँ के कोट दीज , अलिमुरिद एवं चुनहुदडो  
     @ पंजाब   -  रोपड़ , बाडा , संधोल 
     @ हरियाणा 
     @  राजस्थान 
    @  उत्तर प्रदेश 
    @  गुजरात 
    @  लोथल 
    @  धोलावीरा 

सिन्धु  घाटी सभ्यता के बारे में जानने के स्रोत 
सिन्धु घटी सभ्यता के बारे में जानने के बारे में जानने के लिए हमारे पास स्रोतों का अत्यधिक अभाव है .
सिन्धु घाटी सभ्यता  की सिक्को से हमें  उसके भाषा के  बारे में जानकारी मिलती है  परन्तु आज तक उसको पढने में किसी ने सफलता नही पाई है . इसके अतिरिक्त कोई और लिखित सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाई है. 
सिन्धु घाटी सभ्यता  के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है वो सब उसके उत्खनन  से प्राप्त मकानों ,पत्थर , प्रसाधन सामग्री ,कंकाल , बर्तन , मुद्राओ  आदि   का अध्ययन करके प्राप्त हुआ है.


सिन्धु घाटी सभ्यता  की तिथि 

सिन्धु घाटी सभ्यता  कब की सभ्यता थी इस बात का पता लगाने के लिए हमारे पास कोई भी लिखित साक्ष्य नही है . इस विषय में बहुत से इतिहासकार में मतभेद है  . सिन्धु घाटी सभ्यता  से प्राप्त सामग्री  का अध्ययन करके  इसकी तिथि 2500 - 1500 ई ० पूर्व  होगी निर्धारित की गयी है . इस पर अनेक इतिहासकार का मत है.

रेडिओ कार्बन  C14  जैसी नविन विश्लेषण पद्धति के द्वारा  सिन्धु घाटी सभ्यता  की सर्वमान्य  तिथि 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व  मानी  गयी है . 

सिन्धु घाटी सभ्यता  की संस्कृति और  निवासी 

सिन्धु घाटी सभ्यता  के निवासी कहाँ के थे और इस सभ्यता का निर्माता कोन  था  इस बारे में कोई जानकारी  नही है, किन्तु इतिहासकारों द्वारा सामग्री का अध्ययन करके  अपने कुछ मत प्रस्तुत किये  -

# कुछ विद्वान सिन्धु घाटी सभ्यता  को  मोसापोटामिया  संस्कृति की  देन  बताते है  जिसके समर्थक है - गार्डन तथा व्हीलर  ..  सिन्धु घाटी सभ्यता  और मोसापोटामिया  संस्कृति  में अनेक  भिन्नताए है  दोनों की लिपि मेल नही खाती है .

# कुछ सिन्धु घाटी सभ्यता  को बलूची संस्कृति की देन मानते है .

#  कुछ विद्वानों का मत  है की यह संस्कृति भारत की ही भारतीय संस्कृति है जो स्वत  ही परिवर्तन के साथ फली फूली और विकसित  हुई .. इस  विचार को मानने वाले अधिकतर विद्वान भारतीय है ..

#  कुछ  इतिहासकार इसे आर्य संस्कृति से जोड़ते है  जिसमे  लक्ष्मण स्वरूप पुलास्कर और रामचंद्र प्रमुख है , इनका  मानना है की यह  आर्यों की ही सभ्यता थी और इसके जनक आर्य  थे ..

#  अतः अनेक मतभेदों  को देखते हुए यह कहा जा सकता है  सिन्धु घाटी सभ्यता  का जनक  कोन था यह विवादस्पद है  और  इसकी संस्कृति अनेक सभ्यताओं  से कुछ-कुछ मेल खाती है  जो व्यापारिक सम्बन्ध को दर्शाती  है  या यह उस समय की  विकास  धारणा के आधार पर बस एक संयोग भी हो सकता है.



सिन्धु घाटी सभ्यता  के लोगो का आर्थिक जीवन 

सिन्धु घाटी सभ्यता  के उत्खनन  से ज्ञात होता है की  लोगो का आर्थिक  स्थिति  सुदृढ़ थी 

Comments

Popular posts from this blog

मुद्रास्फीति कितने प्रकार की होती है।

50 important G.K. for group D exam